हम सब सुंदर दिखना चाहते हैं और हर मौसम में खिले खिले रहना चाहते हैं क्योंकि सुंदर दिखना हम सबका जन्म सिद्ध अधिकार है। हम सब मानसून से परिचित हैं इस मौसम में हमारा चेहरा बहुत ज्यादा प्रभावित होता है। कभी यह नम तो कभी यह शुष्क हो जाता है।
आज हम आपको यह ही बताने जा रहे हैं कि आप किस प्रकार मानसून के दिनों में अपने चेहरे का ख्याल रखेंगे एवं सुंदर दिखेंगे।
समस्या
मानसून के मौसम में हमारी त्वचा वास्तव में पीड़ित होती है। हवा में नमी सभी प्रकार के लोगों के लिए एक दर्द है। यदि आपका र तैलीय त्वचा है, तो नमी इसे और अधिक तैलीय बना देती है जिससे मुंहासे होते हैं। यदि आपकी सूखी त्वचा है, तो त्वचा पर मॉइस्चराइज़र लगाने से भी मुंहासे हो सकते हैं।
उपाय
स्किन का दिनचर्या जिसे मानसून के दौरान आपको पालन करना है
रोज़ के दिनचर्या में आपको क्लींजिंग, टोनिंग और मॉइस्चराइजिंग शामिल करना है। जिनका चेहरा तैलीय है वह वाटर मास्चेराइजर का प्रयोग कर सकते हैं।
बरसात के मौसम के दौरान एक जल प्रतिरोधी सनस्क्रीन एसपीएफ़ 30 और हाइड्रेशन होना आवश्यक है। यह सिर्फ आपका सुंदर चेहरा नहीं है कि आपको इस मौसम में चिंता करने की ज़रूरत है। आपको त्वचा की देखभाल करने की आवश्यकता है।
स्वस्थ त्वचा को बनाए रखने के लिए करता खाना चाहिए
मानसून के महीनों में नमी से दाग धब्बे और फुंसियां होने की समस्याएं हो सकती हैं। मानसून के दिनों में हम पानी कम पीते हैं जिस कारण हम सब डिहाईड्रेशन के शिकार होते हैं जिसका फल हमारे चेहरे को भोगना पड़ता है। ऐसी परिस्थिति में हल्दी का उपयोग लाभदायक सिद्ध हो सकता है जो दाग एवं मुंहासे से आपकी रक्षा करेगा।
ग्रीन टी एक अच्छा एंटीऑक्सीडेंट है जो आपके त्वचा पर एक चमक दे सकता है। मानसून के मौसम में मुंहासे तेजी से बढ़ते हैं इसलिए डेयरी उत्पादों से बचें। केला मानसून के मौसम में खाया जाने वाला एक अच्छा एवं व्यापक फल है क्योंकि इसमें कई विटामिन और खनिज होते हैं जो स्वस्थ त्वचा प्रदान कर सकते हैं।
क्या नहीं खाना है
मानसून के दौरान उन पौधों के सब्जियों को बिल्कुल भी मत खाइएगा और हरी पत्तेदार सब्जियों से दूरियां बनाकर रहिए क्योंकि जब ये सब्जियां जड़ों से निकलकर आती हैं, तो गीली मिट्टी और गंदगी भी साथ में आ जाती है और अगर ठीक उस मिट्टी को नहीं धोया जाता है तो वे एलर्जी और संक्रमण का कारण बन सकते हैं।
मानसून के दौरान मुंहासों से बचने की विशेष बात
नमी के कारण त्वचा पर तेल की एक लेयर बन जाती है, जो अपने आप में एक विपत्ति है जो स्कीन को इरीटेट करती है, हमेशा रसोई या काम से आने के बाद पूरी तरह से चेहरा सूख जाता है। सूखी सूखी, तौलिया के साथ कभी भी चेहरे को न रगड़ें। टेलकम पाउडर का उपयोग न करें। इससे भी चेहरे को क्षति पहुंचती है।
तेल उत्पादन बढ़ने और इसके संक्रमण के कारण पिंपल्स दिखाई और बढ़ सकते हैं। हल्के साबुन या फेस वाश से अतिरिक्त तेल को हटाने के लिए प्रति दिन 2 से 3 बार चेहरा धोएं। मेडिकेटेड साबुन का इस्तेमाल न करें।
आप मुल्तानी मिट्टी का भी उपयोग कर सकते हैं चेहरे के लिए। ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं और चेहरे को दाग एवं धब्बों से बचाएं।
इस तरह हमने आपको यह बताने का प्रयास किया कि किस तरह आप अपने चेहरे की रक्षा मानसून में करेंगे। क्या खाएंगे और क्या नहीं। चेहरा बहुत नाज़ुक होता है। इसका ख्याल आदर से रखना चाहिए आप जितना ख्याल रखेंगे उतना आपका चेहरा खिलेगा।
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